श्रीराधे


*कोई श्याम सुन्दर से कहदो यह जाके।*
*भुला क्यों दिया हमें, अपना बना के॥*

*अभी मैंने तुमको निहारा नहीं है,।*
*तुम्हारे सिवा कोई हमारा नहीं है॥*
*चले क्यों गए श्याम दीवाना बना के।*
*भुला क्यों दिया हमें, अपना बना के ॥*

*अभी मेरी आखों मे आसूँ भरे है,।*
*जखम मेरे दिल के अभी भी हरे हैं॥*
*चले क्यों गए श्याम बंसी बजा के,।*
*भुला क्यों दिया हमें, अपना बना के ॥*

*अगर तुम ना आये तो दिल क्या करेगा ,।*
*तुम्हारे लिए ही तड़पता रहेगा॥*
*निभाना नहीं था तो पहले तो ही कहते।*
*बुझाते हो क्यों आग दिल मे लगा के ॥*

 *जय राधेश्याम जी*

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